do-it-yourself project DIY
🔴JULY 10, 2023
Random Acts of Medicine
Doctors Anupam Jena and Christopher Worsham looked at the unknown factors that can affect health and the quality of health care. This event was hosted by Harvard Book Store.
https://www.c-span.org/video/?529119-1/random-acts-medicine
अनुपम (बापू) जेना और क्रिस्टोफर वॉर्शम के साथ चिकित्सा के यादृच्छिक कार्य
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल
21 अगस्त
2023
समय, परिस्थिति और भाग्य स्वास्थ्य और स्वास्थ्य देखभाल को कैसे प्रभावित करते हैं?
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के चिकित्सक-अर्थशास्त्री अनुपम (बापू) जेना और एचएमएस पल्मोनोलॉजिस्ट और स्वास्थ्य देखभाल नीति शोधकर्ता क्रिस्टोफर वॉर्शम ने अपनी पुस्तक रैंडम एक्ट्स में स्वास्थ्य देखभाल पर संयोग के कम महत्व वाले प्रभाव पर चर्चा की है - और चर्चा की है कि मरीज और चिकित्सक इससे क्या सीख सकते हैं। चिकित्सा: छिपी हुई ताकतें जो डॉक्टरों को प्रभावित करती हैं, मरीजों को प्रभावित करती हैं और हमारे स्वास्थ्य को आकार देती हैं।
पुस्तक प्राकृतिक प्रयोगों से तैयार किए गए केस अध्ययनों की पेशकश करती है: यादृच्छिक घटनाएं जो अध्ययन जैसे परिदृश्य बनाती हैं। लेखकों के विश्लेषण से पता चलता है कि ऐसी घटनाओं से उपयोगी डेटा कैसे निकाला जाए और चिकित्सा के अभ्यास में सुधार के लिए परिणामी अंतर्दृष्टि का उपयोग कैसे किया जाए।
https://youtu.be/K8ZyTU30ajw?
Random Acts of Medicine with Anupam (Bapu) Jena and Christopher Worsham
Harvard medicine youtube
🔴हमारी आधुनिक दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऋषियों के कालातीत ज्ञान के बीच टकराव की एक मनोरम खोज पर प्रकाश डालती है! यह एक विचारोत्तेजक बातचीत है जो अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और प्राचीन अंतर्दृष्टि के बीच गतिशील परस्पर क्रिया को उजागर करती है।यह वार्ता भारत के प्राचीन ऋषियों, ऋषियों की गहन शिक्षाओं और उनके स्थायी ज्ञान की यात्रा करती है जिसने सदियों से मानवता का मार्गदर्शन किया है। यह वार्ता ज्ञान, आध्यात्मिकता और मानव क्षमता के पूर्ण स्पेक्ट्रम को खोलने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण देती है जो कि ऋषि इंटेलिजेंस है। वक्ता-परिचय: रवि सिंह चौधरी तीन पुस्तक ऋषि इंटेलिजेंस, कृषि संहिता और गौ संहिता के लेखक हैं। निदेशक धन्वंतरि नेचुरल फाउंडेशन जो वैदिक गौ पालन और जैविक तथा प्राकृतिक खेती के लिए एक कंसलटेंसी फर्म है। रवि शिक्षा से मैकेनिकल इंजीनियर हैं और उन्होंने अपना पूरा जीवन भारतीय ज्ञान प्रणाली को समर्पित कर दिया है।# Sangam Talks you tube
https://youtu.be/2RQGTi9BW_Q
वर्ष 2005 में तीन नवंबर को उन्होंने पूरी तरह निःस्व होकर अंतिम सांस ली तो इच्छा जता गए थे कि उनका अंतिम संस्कार किसी विद्युत शवदाह गृह में किया जाए. लेकिन उनकी यह इच्छा लखनऊ की तत्कालीन विद्युत दुर्व्यवस्था की भेंट हो गई. इससे पहले उन्होंने फैजाबाद शहर का अपना सब-कुछ जनमोर्चा को और उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में त्रियुगीनारायण में स्थित पत्रकार आश्रम एक शिक्षा संस्था को दे दिया था.
तत्कालीन फैजाबाद जिले में पैतृक गांव संडौली में स्थित बीस एकड़ कृषि भूमि भी बिना कुछ लिए उन 11 किसानों के नाम कर दी थी, जो उसे जोतते-बोते आ रहे थे. अपने अंतिम दिनों में उन्होंने गैर-बराबरी (जिसे वे देश व दुनिया की सबसे बड़ी समस्या मानते थे) के खात्मे के लिए 25 सूत्री ‘समाजवाद का कार्यक्रम’ भी बनाया था.
1980 में उन्होंने ‘जनमोर्चा से स्वैच्छिक अवकाश ले लिया और अपनी सारी ऊर्जा मुक्तिकामी लेखन में झोंक दी. फिर तो उन्होंने विभिन्न विषयों पर छोटी-बड़ी कुल मिलाकर दो दर्जन किताबें लिखी.
उनकी इन किताबों के नाम हैं: 1. उठो किसानों, 2. विप्लवामि युगे-युगे, 3. गिरते-उठते बढ़े चलो, 4. माओ और उनके बाद, 5. एक आदमी एक पेशा, 6. भारतीय समाज का विकास, 7. राम और रामायण: एक समीक्षा, 8. किस राम का राज्य, 9. धर्म और राजनीति, 10.ब्राह्मण कौन, 11. मानव की विकास यात्रा, 12. भारत की हिंदू मुस्लिम राजनीति, 13. दुश्मन कौन, 14. व्यक्तिवाद और समाजवाद, 15. अयोध्या की मंदिर-मस्जिद समस्या, 16. कश्मीर और भारत-पाक संबंध, 17. उपनिषदों की सामाजिक व्याख्या, 18. भारतीय चिंतन का विज्ञान, 19. लोकतंत्र कैसे बचायें, 20 श्रीकृष्ण और भगवद्गीता, 21. नई क्रांति की नई दिशा और 22. ज्ञायत्री आदि.
इन सभी किताबों पर उन्होंने अपने समाज का सर्वाधिकार माना और किसी का भी अर्थाेपार्जन के लिए उपयोग नहीं किया. कई पर तो यह टिप्पणी भी लिखी कि उनका प्रकाशन उन्हें मिल रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पेंशन के धन से किया गया है, इसलिए वे समाज की संपत्ति हैं.
‘महात्मा’ हरगोविंद: मुक्तिकामी लेखन और जागरूक करने वाली पत्रकारिता के पैरोकार (thewirehindi.com)
💥कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने एक ट्वीट कर बताया है कि वह कैंसर मुक्त हो गई हैं। उन्होंने कहा, "खुश हूं कि पीईटी स्कैन के अनुसार मुझे कैंसर मुक्त घोषित कर दिया गया है... मेरे लिए अब अंग दान संभव हो गया है।" उन्होंने लकड़ी बचाने के लिए बिजली के ज़रिए शवदाह करने की अपील की। 03 Nov, 2023
💥अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के अध्ययन के मुताबिक, रातभर जागने से लोगों को खुशी महसूस हो सकती है और वह कुछ दिनों तक डिप्रेशन मुक्त रह सकते हैं। इसका मुख्य कारण मस्तिष्क में मौजूद डोपमीन नामक हॉर्मोन है। बकौल शोधकर्ता, अधिक डोपमीन के स्राव से मस्तिष्क की तंत्रिकाएं पुनर्गठित होती हैं जिससे लोग कुछ दिनों तक खुशमिजाज़ रह सकते हैं।/ 03 Nov, 2023
💥कानपुर (उत्तर प्रदेश) में एक आवारा सांड ने बजरंग दल के 17-वर्षीय कार्यकर्ता प्रखर शुक्ला के सीने में सींग मार दिया जिससे उसकी मौत हो गई। दरअसल, दो सांड लड़ रहे थे, तभी वहां से स्कूटर पर गुज़र रहे प्रखर पर एक सांड़ ने हमला ने कर दिया। सपा ने 'X' पर लिखा, "आवारा सांडों को कब पकड़ेगी सरकार? बताएं मुख्यमंत्री । "3 Nov, 2023
अच्छी खबर यह है कि आप अपने शरीर और अपने जीवन को पुनः संतुलित कर सकते हैं। योग और ताई ची दोनों ही आपके संतुलन और समन्वय को बेहतर बनाने में आपकी मदद कर सकते हैं, चाहे आपकी उम्र कुछ भी हो।
"इससे पहले कि आपको पता चले कि जीवन एक स्वयं करो परियोजना है, आपका आधा जीवन लग जाता है" एक ऐसा कथन है जो इस विचार को व्यक्त करता है कि हम अपने जीवन के उद्देश्य और अर्थ को खोजने के लिए अक्सर बहुत देर तक इंतजार करते हैं। हम दूसरों की अपेक्षाओं का पालन करने या सामाजिक मानदंडों का पालन करने में व्यस्त हो जाते हैं, और हम अपने लिए क्या सही है, इसके बारे में सोचने के लिए समय नहीं निकालते हैं।
इस कथन के कई कारण हो सकते हैं। एक कारण यह है कि हमें अक्सर यह नहीं बताया जाता है कि जीवन एक स्वयं करो परियोजना है। हम इस धारणा के साथ बड़े होते हैं कि हमें हमारे जीवन के लिए एक "सही" मार्ग बताया जाएगा, और जब ऐसा नहीं होता है, तो हम भ्रमित और खो जाते हैं।
एक अन्य कारण यह है कि हम अपने जीवन के लिए जिम्मेदारी लेने से डरते हैं। हम अपने निर्णयों के परिणामों के बारे में सोचने से डरते हैं, और हम असफल होने के डर से आगे बढ़ने से हिचकिचाते हैं।
चाहे कारण कुछ भी हो, यह सच है कि हम अपने जीवन के आधे से अधिक समय तक यह जानने के लिए इंतजार करते हैं कि हम वास्तव में क्या चाहते हैं। जब हम ऐसा करते हैं, तो हम अक्सर महसूस करते हैं कि हमने अपना समय बर्बाद कर दिया है, और हम अपने जीवन को एक नए तरीके से जीने के अवसर से चूक गए हैं।
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हमारे पास कभी भी देर नहीं हुई है। हम अपने जीवन को किसी भी समय बदल सकते हैं। अगर हम यह महसूस करते हैं कि हम अपने जीवन से संतुष्ट नहीं हैं, तो हम कुछ अलग करने के लिए कदम उठा सकते हैं।
यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं कि आप अपने जीवन को एक स्वयं करो परियोजना के रूप में कैसे देखना शुरू कर सकते हैं:
- अपने आप से पूछें कि आपके लिए क्या मायने रखता है। आपके मूल्य और विश्वास क्या हैं? आप अपने जीवन में क्या हासिल करना चाहते हैं?
- अपने सपनों और लक्ष्यों के बारे में सोचें। आप जीवन से क्या चाहते हैं?
- जोखिम लेने से डरो मत। असफल होने से डरने से आप अपने जीवन को जीने का मौका खो देंगे।
- दूसरों की अपेक्षाओं को भूल जाओ। आपका जीवन आपका है, और आपको इसे अपनी शर्तों पर जीने का अधिकार है।
अपने जीवन को एक स्वयं करो परियोजना के रूप में देखना एक चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन यह एक ऐसा अनुभव भी है जो आपको जीवन में अधिक संतुष्टि और खुशी दे सकता है।
💥"इससे पहले कि आपको पता चले कि जीवन एक स्वयं करो परियोजना है, आपका आधा जीवन लग जाता है" यह एक ऐसा कथन है जो जीवन की जटिलता और चुनौतियों को दर्शाता है। कई बार, हम दूसरों के विचारों और अपेक्षाओं के अनुसार जीने में व्यस्त हो जाते हैं, और यह तब तक नहीं होता जब तक कि हम अपने दम पर नहीं चलते हैं, हम यह नहीं समझ पाते हैं कि वास्तव में हम क्या चाहते हैं और जीवन में क्या मायने रखता है।
यह कथन इस बात पर भी प्रकाश डालता है कि समय कितना धीमी गति से बीतता है जब हम अपने लक्ष्यों और सपनों का पीछा नहीं कर रहे होते हैं। जब हम दूसरों को खुश करने या दूसरों की राय को प्रभावित करने के लिए जीते हैं, तो हम अपने जीवन को जीने के अवसर खो देते हैं।
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि जीवन एक बार की यात्रा है, और यह हमारे लिए है कि हम इसे कैसे जीना चाहते हैं। हम दूसरों के विचारों और अपेक्षाओं से प्रभावित होने की बजाय, हमें अपने स्वयं के मूल्यों और विश्वासों का पालन करना चाहिए। जब हम ऐसा करते हैं, तो हम अपने जीवन को वास्तव में जीने लगते हैं।
यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं कि कैसे आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका जीवन एक स्वयं करो परियोजना है:
- अपने मूल्यों और विश्वासों को पहचानें। ये वही चीजें हैं जो आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं और जो आपके जीवन को आकार देती हैं।
- अपने लक्ष्यों और सपनों को निर्धारित करें। आप अपने जीवन में क्या हासिल करना चाहते हैं?
- अपने लिए समय निकालें। दूसरों के लिए जितना समय आप देते हैं, उतना ही समय अपने लिए भी निकालें।
- अपने निर्णयों के लिए जिम्मेदार बनें। अपने जीवन के बारे में आपके पास अंतिम शब्द है।
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि जीवन एक यात्रा है, न कि गंतव्य। इसमें उतार-चढ़ाव और चुनौतियां शामिल हो सकती हैं, लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आप हमेशा अपने जीवन की दिशा को बदल सकते हैं। यदि आप अपने जीवन से खुश नहीं हैं, तो इसे बदलने के लिए अभी भी समय है। बस एक कदम उठाएं और शुरू करें।💥
💥💥"इससे पहले कि आपको पता चले कि जीवन एक स्वयं करो परियोजना है, आपका आधा जीवन लग जाता है" यह एक प्रसिद्ध कहावत है जो इस विचार को व्यक्त करती है कि कई लोग अपने जीवन के पहले भाग में दूसरों के निर्देशों का पालन करते हैं, यह नहीं जानकर कि वे वास्तव में क्या चाहते हैं या अपने जीवन के साथ क्या करना चाहते हैं। जब वे अंततः यह समझते हैं कि जीवन एक स्वयं करो परियोजना है, तो उनके पास केवल आधा जीवन बचा होता है।
यह कहावत कई कारणों से सच हो सकती है। एक कारण यह है कि हम अक्सर बचपन में दूसरों के प्रभाव के अधीन होते हैं। हमारे माता-पिता, शिक्षक, और अन्य वयस्क हमें यह बताने के लिए प्रेरित करते हैं कि हमें क्या करना चाहिए, क्या बनना चाहिए, और कैसे जीना चाहिए। हम इन प्रभावों के प्रति इतने आदी हो जाते हैं कि हम कभी भी खुद से सवाल नहीं पूछते कि हम वास्तव में क्या चाहते हैं।
एक अन्य कारण यह है कि हम अक्सर अपने डर और अनिश्चितता से बंधे होते हैं। हम यह सोचकर डर सकते हैं कि अगर हम अपने रास्ते पर चलते हैं तो हम असफल हो जाएंगे, या हम यह नहीं जानते कि हम क्या करना चाहते हैं। यह डर हमें दूसरों के मार्गदर्शन का पालन करने के लिए प्रेरित कर सकता है, भले ही यह हमारे लिए सही न हो।
हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यह कहावत एक सार्वभौमिक सत्य नहीं है। कई लोग अपने जीवन के पहले भाग में ही यह समझ जाते हैं कि जीवन एक स्वयं करो परियोजना है। वे अपने लक्ष्यों और सपनों को खोजने और उन्हें प्राप्त करने के लिए काम करना शुरू कर देते हैं।
यदि आप अभी भी इस कहावत से संबंधित महसूस करते हैं, तो चिंता न करें। आप अभी भी अपने जीवन को अपने तरीके से जीने का अवसर है। यहां कुछ चीजें दी गई हैं जो आप कर सकते हैं:
- अपने आप से सवाल पूछें। आप वास्तव में क्या चाहते हैं? आप अपने जीवन के साथ क्या करना चाहते हैं? इन सवालों के जवाब खोजने के लिए समय निकालें।
- अपने डर और अनिश्चितता का सामना करें। इन भावनाओं को दबाने की कोशिश न करें। उन्हें स्वीकार करें और फिर उनसे निपटने के लिए काम करें।
- अपने लक्ष्यों और सपनों पर काम करें। एक बार जब आप यह जान लेते हैं कि आप क्या चाहते हैं, तो उन्हें प्राप्त करने के लिए एक योजना बनाएं और फिर उसे लागू करें।
याद रखें, आपके पास अभी भी अपना जीवन है। इसे अपने तरीके से जीने का अवसर लें।💥💥
💥बठिंडा (पंजाब) के मेहमा सरजा गांव में किसानों को रोकने गए अधिकारी को बंधक बनाकर उनसे ज़बरदस्ती पराली जलवाए जाने का मामला सामने आया है। घटना का वीडियो शेयर कर सीएम भगवंत मान ने लिखा, "पंजाब के लोगों...किस राह पर चल रहे हैं? हवा को गुरु साहिब ने गुरु का दर्जा दिया है।" मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है।4 Nov, 2023
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