Monday, December 11, 2023

निःश्रेयस् या परम तत्व


 तत्व ज्ञान का मतलब है, अनुभूति याने अनुभव से प्राप्त ज्ञान, वास्तविक जाना हुआ दर्शन, साक्षात्कार. तत्व ज्ञान से निःश्रेयस् की सिद्धि बतायी गयी है. 

न्याय दर्शन में निःश्रेयस् या परम तत्व की प्राप्ति के लिए प्रमाण और प्रमेय का ज्ञान आवश्यक है. न्याय दर्शन में प्रमाण चार प्रकार का है: प्रत्यक्ष, अनुमान, उपमान, शब्द| 
न्याय दर्शन में 16 पदार्थ माने गए हैं: 
प्रमाण, प्रमेय, संशय, प्रयोजन दृष्टांत, सिद्धांत, अवयव, तर्क, निर्णय, वाद, जल्प, वितण्डा, हेत्वाभास, छल, जाति, निग्रहस्थान| 
न्याय दर्शन भारत के छः वैदिक दर्शनों में एक दर्शन है. इसके प्रवर्तक ऋषि अक्षपाद गौतम हैं जिनका न्यायसूत्र इस दर्शन का सबसे प्राचीन एवं प्रसिद्ध ग्रन्थ है.


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