चौपाई
को कहि सकइ प्रयाग प्रभाऊ। कलुष पुंज कुंजर मृगराऊ।।
अस तीरथपति देखि सुहावा। सुख सागर रघुबर सुखु पावा।।
कहि सिय लखनहि सखहि सुनाई। श्रीमुख तीरथराज बड़ाई।।
करि प्रनामु देखत बन बागा। कहत महातम अति अनुरागा।।
एहि बिधि आइ बिलोकी बेनी। सुमिरत सकल सुमंगल देनी।।
मुदित नहाइ कीन्हि सिव सेवा। पुजि जथाबिधि तीरथ देवा।।
तब प्रभु भरद्वाज पहिं आए। करत दंडवत मुनि उर लाए।।
मुनि मन मोद न कछु कहि जाइ। ब्रह्मानंद रासि जनु पाई।।
दोहा/सोरठा
दीन्हि असीस मुनीस उर अति अनंदु अस जानि।
लोचन गोचर सुकृत फल मनहुँ किए बिधि आनि।।106।।
प्रयागराज के बमरौली के साउथ कैंपस में 91वां वायु सैनिक दिवस परेड बहुत ही अच्छी तरह से संपन्न हुआ। कमेंट्री में वायु सेना की संहारक शक्ति को गीता के श्लोक 24अध्याय 11से समझाया गया। शक्ति को गीता अध्याय 11श्लोक 5 के समान बताया गया।
परेड के आकर्षक क्षण....जनरल अनिल चौहान भारतीय सशस्त्र सेनाओं के वर्तमान रक्षा प्रमुख हैं |वे भारतीय सेना के एक चार सितारा जनरल और सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। 30 सितंबर 2022 को उन्हें रक्षा प्रमुख बनाया गया था। वे परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अतिविशिष्ट सेवा पदक, सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित हैं।
परेड का नेतृत्व....Air Force Day वायु सेना दिवस की 91वीं वर्षगांठ पर प्रयागराज के बमरौली में वायु सेना स्टेशन पर हुई परेड का महिला अधिकारी ग्रुप कैप्टन शैलजा धामी ने नेतृत्व
किया।हेलीकॉप्टर पायलट शैलजा धामी पहली महिला अधिकारी बनी थीं जिन्हें मार्च माह में वायुसेना की कॉम्बैट यूनिट की कमान सौंपी गई थी। शैलजा वेस्टर्न सेक्टर में मिसाइल सक्वॉड्रन की मुखिया हैं। उन्हें वायुसेना में 2003 में कमिशन्ड किया गया था। वह क्वालिफाईड इंस्ट्रक्टर हैं और 2800 घंटे की उड़ान का अनुभव है।भारतीय वायुसेना ने ग्रुप कैप्टन शैलजा धामी को फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पश्चिमी क्षेत्र में फ्रंटलाइन कॉम्बैट यूनिट भारत-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र में आता है। आपको बता दें कि शैलजा, भारतीय वायुसेना में कॉम्बैट यूनिट की जिम्मेदारी संभालने वाली पहली महिला होंगी। शैलजा पंजाब की लुधियाना की रहने वाली हैं।
https://youtu.be/wxBatjIruVs
परेड की सलामी....पदस्थ एयर मार्शल विवेक राम चौधरी
परेड की सलामी वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने ली. वायु सेना दिवस पर नए ध्वज का अनावरण भी किया गया.
72 वर्ष के अंतराल के बाद वायुसेना के ध्वज में बदलाव किया गया। नए ध्वज का अनावरण वायुसेना प्रमुख चीफ एयर मार्शल वीआर चौधरी ने किया। इसी के साथ ही पुराने ध्वज को उतारकर संग्रहालय में रखवा दिया गया। आजादी के बाद वायु सेना का ध्वज 1951 में बनाया गया था। वह ध्वज नीले रंग का था। उसमें ऊपर बाएं कोने पर तिरंगा है। जबकि दाएं कोने पर नीचे वायुसेना का ट्राई कलर गोल निशान है। नया ध्वज भारतीय वायु सेना के मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने के लिए बनाया गया है।
ट्राई कलर गोल निशान के ऊपर वायु सेना क्रेस्ट को शामिल किया गया है। इसमें ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक की लाट का शेर है। उसके नीचे देवनागरी में सत्यमेव जयते लिखा हुआ है। उसके बाद एक पंख फैलाए हुए हिमालयी बाज का चित्र है। यह बाज भारतीय वायुसेना के युद्ध कौशल को दर्शाता है। हल्के नीले रंग में भारतीय वायुसेना लिखा हुआ वलय हिमालयी बाज को घेरे हुए है। हिमालयी बाज के नीचे देवनागरी लिपि में वायुसेना का आदर्श वाक्य नभः स्पृशं दीप्तम् लिखा हुआ है।
नए ध्वज का अनावरण चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान की मौजूदगी में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने किया। वायुसेना अध्यक्ष ने पुराने ध्वज को उतारा और नए ध्वज को चढ़ा दिया। इस दौरान उनके सामने दो ड्रोन पर्दे की दीवार के पीछे से एक बड़ी पताका लेकर आए। इसके अलावा नए ध्वज के साथ हेलीकाप्टर नीची उड़ान से परेड के सामने से गुजरा। वायुसेना अध्यक्ष ने अनुकरणीय योगदान के लिए 16 स्क्वाड्रन, 142 हेलीकाप्टर यूनिट, 901 सिग्नल यूनिट और थ्री बेस रिपेयर डिपो को सम्मानित किया।
भारतीय वायुसेना में सर्वोच्च रैंक एयर फोर्स के मार्शल का है, जिसे भारत के राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किया जाता है।
अपरान्ह संगम पर एयर शो में अनेक दिक्कतें आईं। यातायात व्यवस्था आदि सभी सिविल पुलिस के जिम्में थी।
एयर शो में भीड़ को लेकर लगाए गए सारे अनुमान रविवार 08अक्टूबर 2023 को ध्वस्त हो गए। यातायात दुरुस्त रखने के सारे इंतजाम नाकाफी साबित हुए। दोपहर में एयर शो से एक घंटे पहले ही संगम जाने वाला हर रास्ता चोक हो गया। उधर, शो खत्म होने के बाद शाम को हालात और भी बदतर हो गए। मुख्य सड़कों को छोड़िए गलियों तक भीड़ से पटी नजर आईं। जाम में फंसे हजारों वाहन घंटों रेंगते रहे।
शो खत्म होने के बाद हालात और बदतर हो गए। हाल यह हुआ कि संगम से जीटी जवाहर की ओर जाने वाला हर रास्ता भीड़ से पट गया। थोड़ी ही देर में जीटी जवाहर के चारों ओर की सड़कों पर हर तरफ लोगों का रेला नजर आया। काली मार्ग, लाल सड़क, त्रिवेणी मार्ग व ओडी फोर्ट रोड पर पैदल चलना भी दूभर हो गया। जवाहर से बालसन, बैरहना, अलोपीबाग व झूंसी और नए पुल पर भी वाहनों की लंबी कतार लग गई।
कई जगहों पर ड्यूटी पर तैनात थानेदार व सिपाही यातायात संभालने की बजाय गाड़ी में आराम फरमाते दिखे। यहां तक कि जीटी जवाहर चौराहे पर भी तैनात पुलिसकर्मी एक किनारे खड़े होकर मूकदर्शक बने दिखाई दिए। नतीजा यह हुआ कि जीटी जवाहर से सोहबतियाबाग डॉट पुल की ओर जाने वाली लेन पर वाहनाें की कतार लग गई। लापरवाही का ही नतीजा था कि सोहबतियाबाग से जीटी जवाहर तक आने वाली लेन भी भीड़ से पट गई। यह लेन चोक होने की नौबत आई तब जाकर डॉट पुल के पास बालसन की ओर से आने वाले वाहनों को बैरिकेड लगाकर रोका गया।एयर शो के दौरान यातायात व्यवस्था ध्वस्त होने का सबसे बड़ा कारण यातायात प्रतिबंधों का सख्ती से पालन न होना रहा। पार्किंग में कुछ वाहन तो खड़े कराए गए लेकिन बड़ी संख्या में लोग वाहन लेकर काली सड़क तक चले गए और इसके चलते पैदल चलने वालों को भी परेशानी हुई। जबकि शहरी क्षेत्र के लोगों के लिए अलग-अलग पार्किंग व्यवस्था की गई थी। वीवीआईपी मार्ग पर भी वाहनों का आवागमन बेरोकटोक होता रहा।
Today 11 nOV we honor all who served in the U.S. armed forces as we recognize Veterans day.Remembrance Day Australia 2023: Australia, similar to numerous other nations, observes Remembrance Day on November 11. This day honors Australian servicemen who were killed during and after World War I. The citizens observe a minute of silence in remembrance of those who lost their lives fighting while defending the nation, as an expression of national unity. The Australian Government embraced the suggestion put forth by the United Kingdom to alter the name of Armistice Day to Remembrance Day. There is no public holiday in effect.
What is the distinction between Remembrance Day and Anzac Day?
Anzac Day honors and commemorates Australian veterans and soldiers and is associated with the nation’s founding and history. The primary purpose of Remembrance Day is to honor and remember Australian lives lost in battle.
Why is Remembrance Day observed throughout Australia?
Remembrance Day is observed in remembrance of Australian citizens and soldiers who lost their lives or suffered severe injuries while serving in the conflict. In addition to observing one minute of silence, numerous memorial events are held.
According to the Department of Veterans’ Affairs, over 60,000 Australian servicemen and women were deployed to Vietnam
between 1962 and 1975. During this period, 521 Australians lost their lives, and the majority of these were repatriated to Australia for burial and commemoration . The Australian War Memorial provides a detailed breakdown of the casualties, which includes 500 service members who died during the Vietnam War between 1962 and 1972. The remaining 21 deaths occurred between 1973 and 1975 .
2023 George Washington Symposium: Role of the Military in a Democracy
Author Rick Atkinson and Generals Joseph Dunford, John Kelly, and Jim Mattis discussed the role of the military in a democracy. The 2023 George Washington Symposium was hosted by George Washington’s Mount Vernon in Virginia.
https://www.c-span.org/video/?531605-4/2023-george-washington-symposium-role-military-democracy
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